हाल ही में तमिलनाडू में तीन – भाषा नीति को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है , और इस विवाद में Google के केCEO Sunder Pichai का भी नाम सामने आ रहा है | यह विवाद तब शुरू हुआ जब डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने कहा कि सुंदर पिचाई की सफलता तमिलनाडु के 2 – भाषा नीति का आयोजन का परिणाम है , जिसमें हिंदी शामिल नहीं थी|
भाजपा की प्रतिक्रिया
dayanidhi waren ने का कहना है की सुंदर पिचाई ने केवल तमिल और अंग्रेजी पढ़ी थी , जो राज्य को दो – भाषा नीति का हिस्सा रही है | इस पर जवाब में BJP के Tamil Nadu प्रमुख के. अन्नामलाई ने एक पुराना वीडियो साझा किया, जिसमें सुंदर पिचाई यह बताते हुए दिख रहे हैं कि उन्होंने अपने स्कूल में हिंदी भी सीखी थी |
भाषा नीति पर गहराता विवाद

इस विवाद में तमिलनाडु के वित्त मंत्री पीटीआर थियागराजन भी अपनी बात रखने के लिए आए । उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने दो-भाषा नीति के तहत पढ़ाई की है, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे कौन सी भाषाएं थीं। उन्होंने तीन-भाषा नीति को अव्यवहारिक बताते हुए इसे खारिज कर दिया |
मुख्यमंत्री M.K Stalin का बयान
रिपोर्ट तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भी इस विवाद पर केंद्र सरकार कि आलोचना की, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को “गरीब विरोधी” और “संघवाद को कमजोर करने वाला” बताया। जिसमें ओ केंद्र सरकार को दोषी बता रहे हैं इनके पीछे|
इस विवाद में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का उदाहरण तमिलनाडु में चल रहे भाषा नीति विवाद का एक अहम हिस्सा बन गया है | इस सब पर राजनीति दल इसे अपने अपने तरीके से पेस कर रहे हैं , जिस से यह विवाद और गहराता जा रहा है | कुछ दिनों से भाषा को लेकर भारत में काफ़ी विवाद बढ़ चुका है |